पृष्ठभूमि –
शिक्षक शिक्षा के संबंध मे एनईपी 2020 स्पष्ट करती है कि "अगली पीढ़ी को आकार देने वाले शिक्षकों की एक टीम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षकों को तैयार करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके लिए बहुविषयक दृष्टिकोण और ज्ञान की आवश्यकता के साथ बेहतरीन मेंटरो के निर्देशन में मान्यताओं और मूल्यों के निर्माण एवं उनके अभ्यास की भी आवश्यकता होती है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अध्यापक शिक्षा और शिक्षण प्रक्रियाओं से संबंधित अद्यतन प्रगति के साथ ही भारतीय मूल्यों, भाषाओं, ज्ञान, लोकाचार और परंपराओं, जनजाति परंपराओं के प्रति भी रुचि, जागरूकता बढ़ें।”
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत समस्त बालक-बालिकाओं को उनकी आयु वर्ग के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने की अनिवार्यता पर बल दिया गया है। उक्त अधिनियम की पालनार्थ यह प्रभाग जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के सफल नियोजन, आयोजन, समन्वयन एवं आवश्यकतानुसार प्रबोधन की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जिला संदर्भ इकाई प्रभाग के कार्यों में विविधता एवं व्यापकता है। यह प्रभाग विभिन्न कार्यक्रमों के तहत बालक-बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए जनसंख्या शिक्षा एवं साक्षरता संबंधी नवीन संकल्पनाओं का प्रशिक्षण आयोजित करने के साथ ही महिला सशक्तीकरण, बाल अधिकार, शिशु शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण, सामुदायिक गतिशीलता, मतदाता जागरूकता, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, आपदा प्रबंधन, समसामयिक विषय, पर्यावरण संरक्षण संबंधी प्रशिक्षणों, प्रसार कार्यक्रमों एवं कार्यशालाओं के प्रभावी और सफल आयोजन की महती भूमिका का निर्वहन करता है।
प्रभाग के कार्य –